Original AI Prompt
Generate & Play Hailuo AI video:एक बार की बात है, एक गांव के किनारे एक बहुत ही सुंदर आम का बाग था। उसमें हर किस्म के आम थे — दशहरी, लंगड़ा, चौसा, और हाँ, तोतापरी भी। उसी गांव में रहता था एक चतुर, चालाक और थोड़ा शरारती बंदर, जिसका नाम था चंपू। अध्याय 1: बंदर की नजर चंपू को जब से आम के बाग का पता चला, उसकी आँखों में आम ही आम छा गए। वो पेड़ की डाल पर बैठा दिनभर आमों को देखता और लार टपकाता रहता। लेकिन बाग का मालिक — भोलाराम काका, बड़ा ही सतर्क और गुस्सैल था। अध्याय 2: चोरी की प्लानिंग चंपू ने ठान लिया था — "इस साल के सबसे मीठे आम मैं ही खाऊँगा!" उसने प्लान बनाया: 1. रात को चुपचाप बाग में घुसना 2. सबसे ऊँचे पेड़ से पके हुए आम तोड़ना 3. और फिर छत पर बैठकर शाही भोज करना अध्याय 3: चोरी की रात रात आई। चंपू दबे पाँव बाग में घुसा। कूदते-फाँदते वो पेड़ पर चढ़ गया और सबसे बड़ा आम तोड़ ही रहा था कि... धड़ाम! पीछे से भोलाराम काका आ गए — हाथ में टॉर्च और दूसरी में लाठी! काका गरजे: “अरे ओ चंपू चोर! फिर से आया आम चुराने?!” अध्याय 4: भाग दौड़ और पकड़ चंपू भागा, काका पीछे। चंपू पेड़ से दीवार, दीवार से छत, छत से फिर पेड़… लेकिन काका भी ठहरे पुराने पहलवान, आखिरकार चंपू की पूंछ पकड़ी गई! अध्याय 5: अदालत लगेगी गांव में पंचायत बैठी। बंदर चंपू कटघरे में खड़ा — मुंह पर मासूमियत लाकर बोला: > "मैंने आम नहीं चुराए, वो तो पेड़ से खुद गिर गए थे और मैंने पकड़े!" लोग हँसे, बच्चे ताली बजाए। काका बोले: "ये बंदर बहुत नटखट है, पर दिमागदार भी।" अध्याय 6: सज़ा नहीं, समझौता आखिर पंचायत ने फैसला सुनाया: बंदर को बाग से हर दिन एक आम मुफ्त मिलेगा 🍋 लेकिन वो चोरी नहीं करेगा और बच्चों को भी पेड़ों पर चढ़ना सिखाएगा अध्याय 7: बंदर बना शिक्षक अब चंपू न तो आम चुराता है, न पकड़ा जाता है। अब वो बच्चों को पेड़ चढ़ने की ट्रेनिंग देता है और शाम को एक आम लेकर मज़े से खाता है। --- सीख: > शरारत भी तब तक ठीक है, जब तक उसमें हो अकल की मिलावट। ---
AI-Powered Analysis
A clever monkey outsmarts a vigilant farmer in a mango orchard, with a focus on the theme of wit and resourcefulness.