Aarav's Journey: From Village Dreams to Engineering Success – AI Generated Video | Hailuo AI

Generate & Play Hailuo AI video:रात खेतों में मेहनत करते थे, लेकिन फिर भी घर का खर्च चलाना मुश्किल था। पढ़ाई के प्रति उसका जुनून बहुत था, लेकिन संसाधनों की कमी थी। उसके गाँव में एक छोटी-सी स्कूल थी, लेकिन किताबें और सही मार्गदर्शन मिलना कठिन था। एक दिन, जब उसने अपने पिता से कहा कि वह बड़ा होकर इंजीनियर बनना चाहता है, तो उसके पिता ने प्यार से उसके सिर पर हाथ रखा और कहा, "बेटा, सपने देखना आसान है, लेकिन उन्हें पूरा करने के लिए मेहनत करनी पड़ती है।" यह बात आरव के दिल में घर कर गई। आरव ने ठान लिया कि वह अपने हालातों को अपने सपनों की राह में रोड़ा नहीं बनने देगा। वह दिनभर स्कूल में पढ़ता और रात को लालटेन की रोशनी में किताबें पढ़ता। गाँव में इंटरनेट नहीं था, तो वह शहर जाने वाले लोगों से किताबों और नोट्स की मदद लेता। पढ़ाई के साथ-साथ उसने छोटे-मोटे काम करके अपनी फीस भी जुटाई। कई बार हालात ऐसे आए जब उसे लगा कि सब छोड़ देना चाहिए, लेकिन फिर उसे अपने पिता की बात याद आई—"मेहनत कभी बेकार नहीं जाती।" कई संघर्षों के बाद, उसने इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा पास कर ली और स्कॉलरशिप पाकर एक प्रतिष्ठित कॉलेज में दाखिला लिया। जब वह पहली बार कॉलेज गया, तो उसकी आँखों में वही चमक थी, जो किसी विजेता की होती है। सालों बाद, जब वह एक सफल इंजीनियर बना, तो वह उसी गाँव लौटा और वहाँ एक स्कूल और लाइब्रेरी बनवाई, ताकि कोई और बच्चा संसाधनों की कमी के कारण अपने सपनों से वंचित न रह जाए। संदेश: **संघर्ष चाहे कितना भी बड़ा हो, अगर

Original AI Prompt

Generate & Play Hailuo AI video:रात खेतों में मेहनत करते थे, लेकिन फिर भी घर का खर्च चलाना मुश्किल था। पढ़ाई के प्रति उसका जुनून बहुत था, लेकिन संसाधनों की कमी थी। उसके गाँव में एक छोटी-सी स्कूल थी, लेकिन किताबें और सही मार्गदर्शन मिलना कठिन था। एक दिन, जब उसने अपने पिता से कहा कि वह बड़ा होकर इंजीनियर बनना चाहता है, तो उसके पिता ने प्यार से उसके सिर पर हाथ रखा और कहा, "बेटा, सपने देखना आसान है, लेकिन उन्हें पूरा करने के लिए मेहनत करनी पड़ती है।" यह बात आरव के दिल में घर कर गई। आरव ने ठान लिया कि वह अपने हालातों को अपने सपनों की राह में रोड़ा नहीं बनने देगा। वह दिनभर स्कूल में पढ़ता और रात को लालटेन की रोशनी में किताबें पढ़ता। गाँव में इंटरनेट नहीं था, तो वह शहर जाने वाले लोगों से किताबों और नोट्स की मदद लेता। पढ़ाई के साथ-साथ उसने छोटे-मोटे काम करके अपनी फीस भी जुटाई। कई बार हालात ऐसे आए जब उसे लगा कि सब छोड़ देना चाहिए, लेकिन फिर उसे अपने पिता की बात याद आई—"मेहनत कभी बेकार नहीं जाती।" कई संघर्षों के बाद, उसने इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा पास कर ली और स्कॉलरशिप पाकर एक प्रतिष्ठित कॉलेज में दाखिला लिया। जब वह पहली बार कॉलेज गया, तो उसकी आँखों में वही चमक थी, जो किसी विजेता की होती है। सालों बाद, जब वह एक सफल इंजीनियर बना, तो वह उसी गाँव लौटा और वहाँ एक स्कूल और लाइब्रेरी बनवाई, ताकि कोई और बच्चा संसाधनों की कमी के कारण अपने सपनों से वंचित न रह जाए। संदेश: **संघर्ष चाहे कितना भी बड़ा हो, अगर

Download

AI-Powered Analysis

The video tells the story of Aarav's journey from a humble village to becoming a successful engineer, highlighting the importance of perseverance and education.

You Might Also Like